भारतीय राष्ट्रीय सभा की स्थापना Hindi History Of Word
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भारतीय राष्ट्रीय सभा, जिसे हिंदी में 'पर्लियामेंट' कहा जाता है, भारतीय संविधान के अनुसार देश Hindi History Of Word की लोकतंत्रिक प्रतिष्ठान है। यह भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारतीय नागरिकों के प्रतिनिधित्व का केंद्र है। इसकी स्थापना भारतीय संविधान के अनुसार 26 जनवरी 1950 को हुई थी।
राष्ट्रीय सभा के दो सदन होते हैं: लोकसभा और राज्यसभा। ये दोनों सदन विधान सभा की भांति कानूनों को बनाने और संशोधित करने का कार्य करते हैं। लोकसभा के सदस्य जनता द्वारा चुने गए होते हैं, जबकि राज्यसभा के सदस्य राज्य सरकारों द्वारा नामित किए जाते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय सभा Hindi History Of Word का उद्देश्य देश के लोगों के हित में कानून बनाना और देश की प्रशासनिक प्रक्रिया को सुनिश्चित करना है। यहाँ प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार होता है कि उनकी आवाज सुनी जाए और उनके हित में निर्णय लिए जाएं।
राष्ट्रीय सभा का नाम इसकी स्थापना से पहले 'केंद्रीय संसद' था, लेकिन 1954 में संविधान संशोधन द्वारा इसे 'राष्ट्रीय सभा' में बदल दिया गया।
इस प्रकार, भारतीय राष्ट्रीय सभा का गहरा इतिहास है और यह देश के लोगों की आवाज को सुनने और उनके हित में निर्णय लेने का महत्वपूर्ण माध्यम है।
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